NGO Kya Hai: आज के समय में हम सभी अगल बगल में NGO के नाम काफी सुनते है। लेकिन आपको पता नहीं है की आखिर ये एनजीओ होता क्या है। तो अब आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। NGO सरकार और निजी क्षेत्र के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करते हैं। ये संगठन जहाँ जहाँ सरकारी पहुंच कम होती है, वहां वहां जाकर जरूरतमंदों की मदद करते हैं। साथ ही, ये संगठन सरकार को विभिन्न मुद्दों पर जागरूक करते हैं और नीति निर्माण में भी सहयोग करते हैं। जिसके बारे में हम बताने वाले है।
आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी को NGO Kya Hai इसके बारे में पूरी जानकारी को बताने वाले है। यदि आप भी NGO के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आज के यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही उपयोगी है। इसलिए आप इसे अंत तक पढ़ें।
NGO Kya Hai : Overview
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Non-Governmental Group (NGO) in Hindi
आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी पाठकों को बहुत बहुत हार्दिक स्वागत करते है आज हम आप सभी को इस लेख के माध्यम से Non-Governmental Group (NGO) के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने वाले है। एनजीओ भारतीय समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये संगठन समाज के कमज़ोर वर्गों को सशक्त बनाते हैं और उन्हें एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाने का प्रयास करते हैं।
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यदि आप भी इस NGO के बारे में जानना चाहते है तो आप इस लेख को अंत तक ध्यान पूर्वक पढ़ें। क्योंकि इस लेख में एनजीओ से जुड़ी हर जानकारी को सही- सही और विस्तार से बताया गया है। इसलिए आप इसे अंत तक ध्यान पूर्वक पढे।
एनजीओ क्या है? NGO Kya Hai
गैर-सरकारी संगठन (NGO) ऐसे संगठन होते हैं जो सरकार से स्वतंत्र रूप से सामाजिक हित के लिए कार्य करते हैं। इन्हें अशासकीय संस्था या गैर-लाभकारी संगठन के रूप में भी जाना जाता है। ये संगठन आम नागरिकों, स्वयंसेवकों और समाज के वंचित वर्गों के सहयोग से विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत होते हैं।
NGO का उद्देश्य समाज के कमज़ोर वर्गों की सहायता करना, सामाजिक कल्याण के कार्य करना, पर्यावरण की रक्षा करना, और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना है। ये संगठन Schooling, Well being, Girls Empowerment, Baby Welfare, Poverty Alleviation, Pure Catastrophe Aid, आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हैं।
NGO Full Kind
NGO, जिसे अक्सर हम सुनते हैं, असल में एक संक्षिप्त रूप है। इसका पूरा नाम गैर-सरकारी संगठन (Non-Governmental Group) होता है। सरल शब्दों में कहें तो, एनजीओ ऐसे संगठन होते हैं जो सरकार से स्वतंत्र रूप से सामाजिक हित के लिए कार्य करते हैं। इन्हें अशासकीय संस्था या गैर-लाभकारी संगठन के रूप में भी जाना जाता है।
NGO का गठन आम नागरिकों, स्वयंसेवकों और समाज के वंचित वर्गों के सहयोग से होता है। ये संगठन विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत होते हैं, जिनका उद्देश्य समाज के कमज़ोर वर्गों की सहायता करना, सामाजिक कल्याण के कार्य करना, पर्यावरण की रक्षा करना, और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना है।
एनजीओ के कार्य क्या होते है?
एनजीओ (गैर-सरकारी संगठन) समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे सामाजिक कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, महिला सशक्तीकरण, बाल कल्याण, गरीबी उन्मूलन, प्राकृतिक आपदा राहत, आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हैं।
NGO के कुछ प्रमुख कार्य:
- सामाजिक कल्याण (Social Welfare): गरीबों, विकलांगों, विधवाओं, अनाथों, आदि जैसे वंचित वर्गों की सहायता करना।
- शिक्षा (Schooling): गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करना, स्कूल चलाना, शिक्षा सामग्री वितरित करना, छात्रवृत्तियां देना।
- स्वास्थ्य (Well being): ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना, अस्पताल और क्लीनिक चलाना, निःशुल्क दवाइयां वितरित करना।
- पर्यावरण (Atmosphere): वृक्षारोपण अभियान चलाना, जल संरक्षण के लिए कार्य करना, लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना।
- महिला सशक्तीकरण (Girls Empowerment): महिलाओं को कौशल विकास कार्यक्रम चलाना, उन्हें स्वावलंबी बनाने में मदद करना, घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूक करना।
- बाल कल्याण (Baby Welfare): बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना, बाल श्रम के खिलाफ लड़ना, बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूक करना।
- गरीबी उन्मूलन (Poverty alleviation): गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना, उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना।
- प्राकृतिक आपदा राहत (Pure Catastrophe Aid): प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पीड़ितों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान करना।
गैर-सरकारी संगठन- एनजीओ के नियम
एनजीओ (गैर-सरकारी संगठन) के लिए भारत में कई नियम और कानून लागू होते हैं। इन नियमों का उद्देश्य एनजीओ को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना, उनके कामकाज को सुचारू रूप से चलाना, और यह सुनिश्चित करना है कि वे सामाजिक हित के लिए कार्य करें।
NGO के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम:
- Registration: एनजीओ को सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट या ट्रस्ट एक्ट के तहत पंजीकृत होना होता है।
- Revenue Tax: NGO को आयकर से छूट प्राप्त होती है, लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ शर्तों का पालन करना होता है।
- Overseas Grants: यदि एनजीओ विदेशी अनुदान प्राप्त करना चाहता है, तो उसे FCRA (Overseas Contribution Regulation Act) के तहत पंजीकरण करवाना होगा।
- Accounting: एनजीओ को अपने वित्तीय लेनदेन का लेखा-जोखा रखना होता है और समय-समय पर इसका ऑडिट करवाना होता है।
- Governing Physique: NGO में एक गवर्निंग बॉडी का होना अनिवार्य है, जो संगठन के कामकाज का संचालन करती है।
- Membership: एनजीओ में सदस्यता के लिए कुछ नियम और शर्तें होती हैं।
- Perform: एनजीओ को अपने उद्देश्यों के अनुसार कार्य करना होता है और सामाजिक हित के लिए कार्य करना होता है।
एनजीओ के फायदे क्या है?
एनजीओ (गैर-सरकारी संगठन) समाज के लिए महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं। वे सामाजिक विकास और परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। NGO के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. सामाजिक कल्याण:
- एनजीओ गरीबों, विकलांगों, विधवाओं, अनाथों, आदि जैसे वंचित वर्गों की सहायता करते हैं।
- वे शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, आदि जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य करते हैं।
- वे सामाजिक जागरूकता फैलाने और सामाजिक बुराइयों को दूर करने में भी मदद करते हैं।
2. विकास:
- NGO शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, आदि जैसे क्षेत्रों में विकासात्मक कार्य करते हैं।
- वे लोगों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद करते हैं।
- वे ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
3. पर्यावरण:
- एनजीओ पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हैं।
- वे वृक्षारोपण अभियान चलाते हैं, जल संरक्षण के लिए कार्य करते हैं, और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हैं।
- वे जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर समस्याओं से निपटने में भी मदद करते हैं।
4. आपदा राहत:
- एनजीओ प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पीड़ितों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं।
- वे आपदा राहत और पुनर्वास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
5. नागरिक भागीदारी:
- NGO लोगों को सामाजिक और राजनीतिक प्रक्रियाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
- वे लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करते हैं और उन्हें अपनी आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
6. लोकतंत्र को मजबूत करना:
- एनजीओ लोकतंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- वे सरकार को जवाबदेह बनाते हैं और नीति निर्माण में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हैं।
भारत में कुछ प्रमुख NGO
- सेवा भारती
- भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी
- रोटरी क्लब
- लायन्स क्लब
- ऑक्सफैम
- केयर इंडिया
NGO Registration Course of in Hindi
भारत में एक Non-Governmental Group (NGO) को पंजीकृत करने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है, लेकिन कई चरणों का पालन करके इसे पूरा किया जा सकता है। जो की निम्न है-
- सबसे पहले आप अपने एनजीओ की संरचना चुनें।
- उसके बाद आप आवश्यक दस्तावेज तैयार करें।
- अंत में आप इसे पंजीकरण करें।
- आप ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया का भी लाभ उठा सकते हैं, जो कई राज्यों में उपलब्ध है।
- पंजीकरण शुल्क का भुगतान करें और दस्तावेज जमा करें। प्रसंस्करण के बाद, आपको पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त होगा।
- पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद, NGO के नाम से बैंक खाता खोलें।
- यदि आपका एनजीओ विदेशी अनुदान प्राप्त करना चाहता है, तो आपको विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत पंजीकरण करना होगा।
- सभी NGO को वार्षिक अनुपालन बनाए रखना होता है, जिसमें वित्तीय विवरण दाखिल करना और आयकर रिटर्न जमा करना शामिल है।
ध्यान दें: यह एक सामान्य मार्गदर्शिका है और विशिष्ट प्रक्रिया आपके राज्य और चुनी गई संरचना के अनुसार भिन्न हो सकती है। सटीक जानकारी और सहायता के लिए किसी वकील या चार्टर्ड एकाउंटेंट से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी पाठकों को NGO Kya Hai और NGO से संबधित सभी जानकारी को सही सही और विस्तार पूर्वक आप सभी को बता दिए है। आप सभी को बता दे की, एनजीओ के कामकाज को लेकर कुछ आलोचनाएं भी हैं। कुछ लोगों का मानना है कि कुछ एनजीओ पारदर्शी तरीके से काम नहीं करते हैं या फिर उनका फंडिंग का स्रोत संदिग्ध होता है।
लेकिन, कुल मिलाकर, NGO भारतीय समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये संगठन समाज के कमज़ोर वर्गों को सशक्त बनाते हैं और उन्हें एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाने का प्रयास करते हैं।
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